Jharkhand News 09 june 2023

‘आई लव यू पंचानंद’ लिख नर्सिंग छात्रा ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा; मुझे माफ कीजिए

Nursing student committed suicide by hanging herself after a dispute with  her lover in Sikidiri Ranchi Jharkhand - 'आई लव यू पंचानंद' लिख नर्सिंग  छात्रा ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा;

झारखंड में रांची के सिकिदिरी थानाक्षेत्र अंतर्गत लाधुप गांव में एक युवती ने आत्महत्या कर ली। युवती नर्सिंग की छात्रा थी। छात्रा ने गांव में पलाश के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

झारखंड में रांची के सिकिदिरी थानाक्षेत्र अंतर्गत लाधुप गांव में एक युवती ने आत्महत्या कर ली। युवती नर्सिंग की छात्रा थी। छात्रा ने गांव में पलाश के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हथेली में आई लव यू पंचानंद लिखा था। जांच में यही पुलिस के लिए अहम लीड बना। सिकिदिरी पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया है। पुलिस ने प्रेमी पंचानंद मुंडा को गिरफ्तार भी कर लिया है। आरंभिक जांच के मुताबिक प्रेमी से विवाद के बाद नर्सिंग छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।

परिजनों ने प्रेमी पर लगाया यह आरोप

सूचना मिलने पर युवती के परिजन सिकिदिरी थाना पहुंचे और शव की पहचान की। युवती के पिता ने उसके प्रेमी अनगड़ा थाना क्षेत्र के चंद्राटोली निवासी पंचानंद मुंडा पर पुत्री को प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि मेरी पुत्री शनिवार को घर से निकली थी। इस संबंध में परिजनों ने अनगड़ा थाने में सनहा दर्ज कराया था। इधर, गुरुवार की सुबह लाधुप गांव की एक युवती जंगल में दातून तोड़ने गई थी, जहां पेड़ पर युवती का शव लटकते देखा था उसने गांववालों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद हरातू मुखिया राजेंद्र बेदिया ने सिकिदिरी पुलिस को इसकी सूचना दी।

पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा

पुलिस ने स्थानीय युवक सूरज मुंडा, उपेंद्र महतो, संजय करमाली और कृष्णा मुंडा के सहयोग से शव पेड़ से नीचे उतारा। घटनास्थल से पुलिस ने एक बैग, पानी की एक बोतल, एक मोबाइल और एक कपड़ा जब्त किया है। वहीं पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है। परिजनों ने बताया कि युवती घर छोड़ने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़कर गई थी। इसमें उसने परिजनों से माफी मांगी है। वहीं पंचानंद से प्रेम प्रसंग का मामला लिखा है। वह अनगड़ा के एक नर्सिंग स्कूल से वर्ष 2016-18 में एएनएम का कोर्स पूरा की थी। पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया।

Odisha Train Accident: 2 जवान बेटों और दामाद को लील गया ‘ओडिशा ट्रेन हादसा’, घरवालों की चीत्कार से दहला गांव

odisha train accident: Odisha train accident: Ex-Railways GM explains  possible reasons for the mishap - The Economic Times Video | ET Now

दुमका जिला के जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत सिमरिया पंचायत स्थित मठकारा गांव के रहने वाले सोनवा के 2 जवान बेटे और दामाद उसी कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार थे जो बालासोर में हादसे का शिकार हो गई।

Odisha Train Accident: ओडिशा ट्रेन हादसे ने झारखंड के दुमका के रहने वाले सोनवा मरांडी के 2 जवान बेटों और दामाद को छीन लिया। दुमका जिला के जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत सिमरिया पंचायत स्थित मठकारा गांव के रहने वाले सोनवा के 2 जवान बेटे और दामाद उसी कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार थे जो बालासोर में हादसे का शिकार हो गई। बालासोर ट्रेन हादसे में 70 वर्षीय सोनवा मरांडी के बेटे देवेश्वर मरांडी और मेरुलाल मरांडी की मौत हो गई। दामाद नाइकी टुडू ने भी हादसे में जान गंवा दी। सोनवा को अपने 2 छोटे पोतों के परवरिश की चिंता सता रही है। हादसे ने इस परिवार का सहारा छीन लिया है। हालात ऐसे हैं कि सोनवा मरांडी सहित पूरे परिवार पर आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। सोनवा मरांडी कहते हैं कि दोनों बेटे परदेश में जो कमाकर भेजते थे उसी से जिंदगी चल रही थी।

शवों की शिनाख्त करने भुवनेश्वर गए सोनवा
जानकारी के मुताबिक 70 वर्षीय सोनवा मरांडी फिलहाल शवों की शिनाख्त करने भुवनेश्वर गए हैं। पीछे महिलाओं के चीत्कार से पूरा गांव मर्माहत है। परिवार को 3 जवान जिंदगियों को खोने का दुख तो है ही, चिंता इस बात की भी है कि अब 70 वर्ष के हो चले सोनवा आखिर क्या काम करके परिवार का गुजारा चलाएंगे। खुद सोनवा के पास भी इसका कोई जवाब नहीं है। ओडिशा रेल हादसा सैकड़ों परिवारों को कभी ना खत्म होने वाला दर्द दे गया है।

दुमका से भारी संख्या में होता है युवाओं का पलायन
ग्रामीणों ने बताया कि प्रतिवर्ष दुमका के अलग-अलग गांवों से सैकड़ों युवा तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में जाते हैं। वहां से वे जो पैसा भेजते हैं उसी से गुजारा चलाते हैं। पिछले साल मानसून की दगाबाजी से पूरे संताल परगना में खेती नहीं हुई और इसने आजीविका के सवाल को और भी चिंताजनक बना दिया। उत्पादन नहीं हुआ तो लोग पलायन को मजबूर हो गए।

 

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