केंद्र सरकार ने ‘स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज’ शुरू किया, मिलेगा करोड़ों रुपये जीतने का मौका
इस स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक) ने किया है. इस प्रतियोगिता का समापन जून 2021 में होगा.
केंद्र सरकार ने हाल ही में देश में आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने हेतु ‘स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज’ की शुरुआत की है. इस कॉन्टेस्ट में भाग लेने के लिए 18 अगस्त से रजिस्ट्रेश प्रोसेस शुरू कर दिया गया है. प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
इस स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक) ने किया है. इस प्रतियोगिता का समापन जून 2021 में होगा. स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज के तहत स्मार्ट डिवाइस के लिए हार्डवेयर का निर्माण करना होगा. यह चैलेंज एप इनोवेशन चैलेंज जैसा ही है जिसमें कंपनियां हिस्सा ले सकती हैं.
उद्देश्य
इसका उद्देश्य देश में स्टार्ट-अप, नवाचार और अनुसंधान के मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र को और गति प्रदान करना है. इस प्रतिस्पर्धा के तहत नवोन्मेषी, स्टार्टअप और छात्रों को आमंत्रित किया गया है कि वे इन माइक्रोप्रोसेसरों का उपयोग करते हुए विभिन्न प्रौद्योगिकी उत्पादों को विकसित करें.
इसमें सुरक्षा, लाइसेंसिंग, प्रौद्योगिकी अप्रचलन के मुद्दों को कम करने और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आयात पर निर्भरता में कटौती करने की क्षमता है. यह पहल भारत के रणनीतिक और औद्योगिक क्षेत्रों की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से है.
स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज क्या है?
यह चैलेंज भी आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक हिस्सा है. इस चैलेंज को भी मायजीओवी ने लॉन्च किया है. इसके तहत सर्विलांस, ट्रांसपोर्टेशन, इनवायरमेंटल कंडीशन मॉनिटरिंग, स्मार्ट फैन, स्मार्ट लॉक और वॉशिंग मशीन के लिए हार्डवेयर का निर्माण करना होगा. इसके तहत डिफेंस और स्पेस सेक्टर के लिए भी हार्डवेयर का निर्माण किया जा सकेगा. यह चैलेंज C-DAC, आईआईटी मद्रास और आईआईटी बॉम्बे में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संचालन में संचालित होगा.
चैलेंज के तहत 25 विजेता टीम
यह चैलेंज एप इनोवेशन चैलेंज जैसा ही है जिसमें कंपनियां हिस्सा ले सकती हैं. इस चैलेंज के तहत 25 विजेता टीम को कुल एक करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा. यह चैलेंज 10 महीने तक चलेगा. 18 अगस्त से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा और 15 सितंबर 2020 तक चलेगा. फाइनल में 25 टीमों को चुना जाएगा और फिर 21 जुलाई को टॉप 10 टीमों को चुना जाएगा जिन्हें 2.30 करोड़ रुपये का फंड मिलेगा और 12 महीने तक सरकार की ओर से मदद मिलेगी.
RBI द्वारा खुदरा भुगतान के लिए अखिल भारतीय इकाई की रूपरेखा जारी
RBI द्वारा जारी की गई इस रूपरेखा के अनुसार, जिन कंपनियों की कुल संपत्ति 500 करोड़ रुपये है, वे सभी कंपनियां अखिल भारतीय अम्ब्रेला इकाई स्थापित करने के लिए पात्र होंगी.
भारतीय रिज़र्व बैंक ने खुदरा भुगतान के लिए अखिल भारतीय अम्ब्रेला इकाई की स्थापना के लिए रूपरेखा जारी की है. इस बैंक ने 26 फरवरी, 2021 तक योग्य कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं.
इस अम्ब्रेला इकाई से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास पर नजर रखने की उम्मीद भी की जाएगी ताकि ऐसे किसी भी आघात और धोखाधड़ी से बचा जा सके जो अर्थव्यवस्था और सिस्टम को सामान्य रूप से प्रभावित कर सकता है.
अन्य बातों के अलावा, इस अम्ब्रेला इकाई को बैंकों और गैर–बैंकों के लिए निपटान और समाशोधन प्रणालियों को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी. यह क्रेडिट, निपटन, परिचालन और तरलता जैसे प्रासंगिक जोखिमों की पहचान और प्रबंधन कर सकती है और सिस्टम की अखंडता को संरक्षित रख सकती है.
RBI द्वारा जारी की गई रूपरेखा क्या है?
RBI द्वारा जारी की गई इस रूपरेखा के अनुसार, जिन कंपनियों की कुल संपत्ति 500 करोड़ रुपये है, वे सभी कंपनियां अखिल भारतीय अम्ब्रेला इकाई स्थापित करने के लिए पात्र होंगी. अन्य चीजों के अलावा, इकाई को व्हाइट लेबल PoS, एटीएम, प्रेषण सेवाओं और आधार-बेस्ड भुगतानों सहित खुदरा क्षेत्र में नई भुगतान प्रणालियों को स्थापित, संचालित और प्रबंधित करने की अनुमति होगी.
RBI द्वारा अखिल भारतीय इकाई के लिए रूपरेखा जारी: मुख्य विशेषताएं
• प्रोमोटर या प्रमोटरों के समूह को अम्ब्रेला इकाई स्थापित करने के लिए आवेदन करने के समय कम से कम 10% पूंजी का प्रमाण पेश करना होगा
• इन दिशानिर्देशों के अनुसार, रुपये का निवल मूल्य हर समय 300 करोड़ रुपये बनाए रखना होगा.
• आवेदक इकाई में FDI के मामले में, इसे सक्षम प्राधिकारी से आवश्यक अनुमोदन के साथ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत लागू पूंजीगत आवश्यकताओं को पूरा करना होगा.
अम्ब्रेला इकाई के लिए आवेदन प्रक्रिया
इन आवेदनों को आमंत्रित करते समय, RBI ने यह भी बताया है कि इकाई के प्रमोटर/ प्रमोटर समूह का स्वामित्व और नियंत्रित निवासी भारतीय नागरिकों द्वारा किया जाएगा. आवेदन में एक विस्तृत कार्य योजना भी होनी चाहिए जोकि स्थापित किए जाने वाली प्रस्तावित भुगतान प्रणालियों को शामिल करती हो. भुगतान परिवेश में कंपनी के अनुभव को सिद्ध करने के लिए इसके पास अन्य दस्तावेज भी होने चाहिए.
इस केंद्रीय बैंक के अनुसार, आवेदनों की प्राप्ति की अंतिम तिथि के बाद ही सभी आवेदनों की प्रोसेसिंग होगी और सभी प्राप्त आवेदनों की जांच एक बाहरी सलाहकार समिति (EAC) द्वारा की जाएगी.
बैंक ने आगे सूचित किया है कि बोर्ड ऑफ रेग्युलेशन एंड सुपरविजन ऑफ पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम (BPSS) के पास इस अम्ब्रेला इकाई को स्थापित करने के लिए अंतिम अधिकार होगा. RBI छह महीने की अवधि के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करने की योजना बना रहा है.
मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा ऐलान, सिर्फ स्थानीय निवासियों को ही मिलेगी शासकीय नौकरियां
मुख्यमंत्री ने वादा किया कि प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में प्रदेश की सरकारी नौकरियों को लेकर बड़ी घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश की सरकारी नौकरियां अब केवल राज्य के बच्चों को ही दी जाएंगी और इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है. प्रदेश की शासकीय नौकरियां अब केवल राज्य के बच्चों को ही दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश का संसाधन राज्य के बच्चों के लिए हैं.
मुख्यमंत्री ने ट्विट कर क्या कहा?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्विट करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के युवाओं का भविष्य ‘बेरोजगारी भत्ते’ की बैसाखी पर टिका रहे यह हमारा लक्ष्य ना कभी था और ना ही है. जो यहाँ का मूल निवासी है वही शासकीय नौकरियों में आकर प्रदेश का भविष्य संवारे यही मेरा सपना है.
मेरे प्यारे भांजे-भांजियों! आज से मध्यप्रदेश के संसाधनों पर पहला अधिकार मध्यप्रदेश के बच्चों का होगा। सभी शासकीय नौकरियाँ सिर्फ मध्यप्रदेश के बच्चों के लिए ही आरक्षित रहेंगी। हमारा लक्ष्य प्रदेश की प्रतिभाओं को प्रदेश के उत्थान में सम्मिलित करना है।
नौकरियों के लिए स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने वादा किया कि प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं, इस स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि प्रदेश में भाजपा सरकार इस तरह की व्यवस्था बनाएगी, जो स्थानीय निवासियों को उनकी 10वीं और 12वीं के अंक के आधार पर रोजगार सुनिश्चित करेगी.
सरकारी भर्तियों के लिए अभियान
गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकारी भर्तियों के लिए अभियान चलाया जाएगा. इसके अलावा, निजी क्षेत्रों में भी ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे. छात्रों को 10वीं और 12वीं के अंकों के आधार पर नियोजित किया जाएगा.
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020: लगातार चौथी बार सबसे स्वच्छ शहर बना इंदौर
इंदौर लगातार साल 2017 से ही इस सर्वेक्षण में शीर्ष पर बना हुआ है. देश के स्वच्छ शहरों में सूरत दूसरे स्थान पर और नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अगस्त 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वच्छता सर्वेक्षण के पांचवें संस्करण ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2020’ के परिणामों की घोषणा की. केंद्र की तरफ से स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत लगातार चौथी बार मध्य प्रदेश के शहर इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है.
इंदौर लगातार साल 2017 से ही इस सर्वेक्षण में शीर्ष पर बना हुआ है. देश के स्वच्छ शहरों में सूरत दूसरे स्थान पर और नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार वाराणसी गंगा नदी के किनारे पर बसा सबसे साफ शहर है.
जालंधर देश के सबसे स्वच्छ कैंटोंमेंट का खिताब जीता
पंजाब के जालंधर शहर को देश के सबसे स्वच्छ कैंटोंमेंट का खिताब मिला है. साल 2016 में जब इस सर्वेक्षण की शुरुआत की गई थी तब इसका खिताब मैसूर ने हासिल किया था.
देश के सबसे साफ शहर का खिताब
इंदौर को लगातार चौथी बार देश के सबसे साफ शहर का खिताब मिला. इससे पहले इंदौर साल 2017, साल 2018, साल 2019 और साल 2020 में शीर्ष स्थान पर रहा. केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘स्वच्छ महोत्सव’ नाम के इस कार्यक्रम में कुल 129 शहरों को पुरस्कार प्रदान किए गए.
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इंदौर लगातार चौथे साल भारत का सबसे स्वच्छ शहर है. इंदौर और उसके लोगों ने स्वच्छता के प्रति अनुकरणीय समर्पण दिखाया है. उन्होंने कहा कि इस शानदार प्रदर्शन के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, शहर के लोगों, राजनीतिक नेतृत्व और नगर निगम को बधाई.
टॉप-10 शहरों का नाम
इंदौर लगातार साल 2017 से ही इस सर्वेक्षण में शीर्ष पर बना हुआ है. देश के स्वच्छ शहरों में सूरत दूसरे स्थान पर और नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा है. इनमें लखनऊ 12वें, आगरा 16वें, गाजियाबाद 19वें, प्रयागराज 20वें, कानपुर 25वें और वाराणसी 27वें स्थान पर है. स्वच्छता सर्वेक्षण में चौथे नंबर पर विजयवाडा, पांचवें पर अहमदाबाद,छठे पर राजकोट, सातवें पर भोपाल, आठवें पर चंडीगढ़, नौवें पर विशाखापत्तनम और दसवें नंबर पर वडोदरा रहा. स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में जालंधर कैंट को सबसे स्वच्छ छावनी घोषित किया गया.
5.5 लाख से ज्यादा सफाई कर्मचारी को जोड़ा गया
5.5 लाख से ज्यादा सफाई कर्मचारी सामाजिक कल्याण कार्यक्रम से जोड़े गए और कचरा बीनने के काम में लगे 84,000 से ज्यादा लोगों को मुख्यधारा में लाया गया. स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत सरकार द्वारा इस मिशन को लेकर लोगों में रुचि और प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए शुरू की गई थी.
2016 से संचालित स्वच्छ सर्वेक्षण
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा 2016 से संचालित स्वच्छ सर्वेक्षण, दुनिया का सबसे बड़ा शहरी सफाई और स्वच्छता सर्वेक्षण है. यह शहरों और महानगरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देने में सहायक साबित हुआ है.
सर्वेक्षण का मकसद
इस सर्वेक्षण का मकसद नागरिक सेवा वितरण में सुधार, स्वच्छ शहरों का निर्माण और सफाई के प्रति नागरिकों के व्यवहार व सोच में परिवर्तन लाना है. इसके दूसरे लक्ष्यों में जनभागीदारी को प्रोत्साहित करना और समाज के सभी वर्गों के बीच जागरूकता पैदा कर शहरों व महानगरों को रहने के लिए बेहतर बनाना शामिल है.
इस सर्वेक्षण का आधार क्या है
स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग को कुछ बातों पर आंका जाता है. इसको चुने जाने के प्रमुख घटकों में वहां पर घरों से कूड़ा एकत्रित करना और परिवहन, प्र-संस्करण एवं निष्पादन, संवहनीय स्वच्छता और नागरिकों की सहभागिता और नवाचार आदि शामिल हैं. इनके आधार पर केंद्र सरकार द्वारा इन्हें नंबर दिए जाते हैं. इसके अतिरिक्त इनकी रैंकिंग तय करने में केंद्र सरकार की तरफ से अधिकृत स्वतंत्र संस्था और मैदानी मूल्यांकन के अलावा जनता से मिलने वाली राय और उनके द्वारा दिए गए परिणाम भी शामिल किए जाते हैं.