चंद्रयान-2 ने चंद्रमा पर क्रेटर की तस्वीर खींची, इसरो ने विक्रम साराभाई का नाम दिया
चंद्रमा पर ‘साराभाई क्रेटर’ आघात से बना क्रेटर है. यह चंद्रमा के उत्तर पूर्वी क्वाड्रेंट में मारे सेरेनेटैटिस में स्थित है.
चंद्रयान-2 ने चंद्रमा के गड्ढों (क्रेटर) की तस्वीर ली हैं और उसके एक क्रेटर का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि साराभाई का जन्म शताब्दी वर्ष 12 अगस्त को पूरा हुआ और यह वैज्ञानिक को श्रद्धांजलि है.
राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो की हालिया उपलब्धियां साराभाई की दूरदृष्टि को साकार कर रही हैं. इसरो ने भारत को दुनिया के अग्रिम पंक्ति के देशों में खड़ा कर दिया है. अंतरिक्ष विभाग, प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन आता है.
राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह घोषणा करके कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने साराभाई क्रेटर की तस्वीर कैद की है, एक तरह से विक्रम साराभाई को विशेष श्रद्धांजलि अर्पित की है. साराभाई क्रेटर उस क्रेटर से पूर्व में करीब 250 से 300 किलोमीटर दूर है, जहां अपोलो 17 और लूना 21 मिशन उतरे थे.
साराभाई क्रेटर के बारे में
चंद्रमा पर ‘साराभाई क्रेटर’ आघात से बना क्रेटर है. यह चंद्रमा के उत्तर पूर्वी क्वाड्रेंट में मारे सेरेनेटैटिस में स्थित है. इस क्रेटर का आकार है 7.38 किलोमीटर है और यह लगभग वृत्ताकार है.
इसकी शक्ल एक कटोरे जैसी है. चंद्रयान-2 के टीएमसी कैमरे-2 से ली गई तस्वीरों के डिजिटल एलिवेशन मॉडल और 3D यू के आधार पर यह पता चलता है कि इस क्रेटर की औसत गहराई इसके ऊपरी छोर से 1.7 किलोमीटर है.
क्रेटर की दीवारें 25 डिग्री से 30 डिग्री की ढलान लिए हुए है. इसके आसपास के इलाके में 100 किमी के भीतर कोई बड़े क्रेटर नहीं है. साराभाई क्रेटर के पास विशाल लावा मैदान है. इस क्रेटर से लगभग 250 से 300 किमी पूर्व में नासा के अपोल-17 और रूस के लूना-21 अभियानों का लैंडिंग स्थल है.
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि इसरो ने चंद्रयान-2 के लैंडर का नाम भी विक्रम साराभाई के नाम पर ‘विक्रम’ रखा था. गौरतलब है कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के उद्देश्य से चंद्रयान-2 को 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया था. हालांकि इसके लैंडर विक्रम की सात सितंबर को चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी. जिसकी वजह से पहले ही प्रयास में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बनने का भारत का सपना टूट गया था.
CJI ने सुप्रीम कोर्ट में फिजिकल हियरिंग को फिर से शुरू करने के बारे में फैसला करने के लिए 7 जजों की कमेटी गठित की
एक रिपोर्ट के अनुसार, 200 से अधिक अधिवक्ता कोविड – 19 महामारी में कमी होने तक सीधी सुनवाई को स्थगित करने का अनुरोध करने के लिए एक साथ आगे आए थे.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबड़े ने कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट में सीधी सुनवाई फिर से शुरू करने की तारीख तय करने के मामले से खुद को अलग कर लिया है. CJI ने 7 जजों के सुप्रीम कोर्ट के पैनल को सीधी सुनवाई फिर से शुरू करने की तारीख तय करने का फैसला करने के लिए गठित किया है.
सुप्रीम कोर्ट के इस 7 जजों वाले पैनल ने पिछले हफ्ते कोविड -19 के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा उपायों के साथ एससी की 15 बेंचों में से कम से कम 2-3 में ट्रायल के आधार पर दो सप्ताह के लिए सीधी सुनवाई करने की सिफारिश की थी.
इस 7 जजों वाली एससी कमेटी में जस्टिस एनवी रमन, अरुण मिश्रा, रोहिंटन नरीमन, यूयू ललित, ए एम खानविलकर, डी वाई चंद्रचूड़ और एलएन राव शामिल हैं.
मुख्य विशेषताएं • इन 7 जजों के पैनल ने चिकित्सा विशेषज्ञों और बार लीडर्स के साथ विस्तृत चर्चा की. जबकि चिकित्सा विशेषज्ञों ने 1 सितंबर से पहले शारीरिक सुनवाई को फिर से शुरू करने के खिलाफ सलाह दी है, बार लीडर्स सीधी सुनवाई तत्काल शुरु करने के लिए दबाव डाल रहे हैं.
• सभी सिफारिशों पर विचार करने के बाद, जजों के इस पैनल ने कथित तौर पर सुझाव दिया था कि कम से कम तीन अदालतें ट्रायल के आधार पर सीधी सुनवाई शुरू कर सकती हैं.
• इस कमेटी ने मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबड़े को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की थीं ताकि वे परीक्षण/ ट्रायल के आधार पर सीधी सुनवाई को फिर से शुरू करने की तारीख तय कर सकें.
• हालांकि अब, CJI ने इस कमेटी से यह कहा है कि सीधी सुनवाई को फिर से शुरू करने के बारे में अंतिम निर्णय इस कमेटी द्वारा ही लिया जाए.
• यदि कमेटी CJI के अनुरोध पर सहमत हो जाती है, तो उसे अंतिम तिथि तय करने के लिए फिर से चिकित्सा विशेषज्ञों और बार लीडर्स के साथ परामर्श करना होगा.
• यह सीधी सुनवाई केवल चुनिंदा अदालतों में ट्रायल के आधार पर आयोजित की जाएगी. इस दौरान, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आभासी सुनवाई जारी रहेगी.
• एक रिपोर्ट के अनुसार, 200 से अधिक अधिवक्ता कोविड – 19 महामारी में कमी होने तक सीधी सुनवाई को स्थगित करने का अनुरोध करने के लिए एक साथ आगे आए थे.
पृष्ठभूमि
सुप्रीम कोर्ट के इस 7 जजों वाले पैनल ने पिछले हफ्ते अतिरिक्त सुरक्षा उपायों के साथ अपनी 15 बेंचों में से कम से कम 2-3 में दो सप्ताह के लिए सीधी सुनवाई फिर से शुरू करने की सिफारिश की थी.
इस पैनल ने केवल लंबे मामलों की सुनवाई की आवश्यकता वाले पुराने मामलों के लिए सीधी सुनवाई को फिर से शुरू करने की सिफारिश की थी जिसमें केवल बहस करने वाले वकील को प्रवेश की अनुमति होगी.
इस कमेटी की सिफारिश उच्च न्यायालयों के लिए एक संकेत के तौर पर देखे जाने की उम्मीद जताई गई थी ताकि उच्च न्यायालयों और ट्रायल कोर्ट में सीधी सुनवाई को फिर से शुरू करने की तारीख तय की जा सके.
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन क्या है? जानें इसके बार में सबकुछ
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत हर भारतवासी का अपना एक यूनिक आइडेंटिटी नंबर (Unique Identity Number) होगा. इस नंबर के अंतर्गत आपके स्वास्थ्य से जु़ड़ी सभी जानकारियां इसमें शामिल रहेंगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से लगातार सातवीं बार राष्ट्र को संबोधित किया और कई बातों का जिक्र किया जिनमें से एक ‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’ है. प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आत्मनिर्भरता’ को कोरोना वायरस महामारी से मिली सबसे बड़ी सीख करार देते हुए इस अभियान की घोषणा की.
पीएम मोदी ने इस दिवस के मौके पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि इससे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति आएगी और तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कालखंड में आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी सीख स्वास्थ्य क्षेत्र ने सिखाई है.
यूनिक आइडेंटिटी नंबर
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत हर भारतवासी का अपना एक यूनिक आइडेंटिटी नंबर (Unique Identity Number) होगा. इस नंबर के अंतर्गत आपके स्वास्थ्य से जु़ड़ी सभी जानकारियां इसमें शामिल रहेंगी. उन्होंने बताया कि इस योजना से हर देशवासी को एक तरह की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस मिशन के तहत पर्सनल मेडिकल रिकॉर्ड और जांच सेंटर जैसे संस्थानों को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लेकर आएंगे. उन्होंने कहा ऐसा इसलिए किया जा ताकि दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों तक चिकित्सकीय सुविधाएं पहुंचाई जा सकें.
इस योजना से कौन जुड़ सकता है
इस सुविधा का लाभ कोई भी ले सकता है. फिलहाल, नागरिकों पर निर्भर करेगा की वे इसका लाभ लेंगे या नहीं. इस हेल्थ कार्ड में ही आपके उपचार संबंधी सभी जानकारियां उपलब्ध होंगी.
क्या है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन?
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत एक विशेष कार्ड जारी किया जाएगा. ये आधार कार्ड की तरह होगा. उल्लेखनीय है कि इस कार्ड के जरिए मरीज के निजी मेडिकल रिकॉर्ड का पता लगाया जा सकेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन ( NDHM ) आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ( Jan Aarogya ) की तर्ज पर होगा. ताकि, देश में स्वास्थ्य सेवाओं की दक्षता, प्रभावशीलता और पारदर्शिता में सुधार किया जा सके.
इससे क्या होगा फायदा
इस आईडी में आपको विकल्प दिया जाएगा कि इसे आधार से लिंक करवाना है कि नहीं, यह पूरी तरह आपकी मर्जी पर आधारित होगा. इस कार्ड में आपके स्वास्थ्य का जो भी लेखा- जोखा होगा वह एक तरह से डिजिटल लॉकर की तरह काम करेगा. इसके जरिए आपको एक य़ूनिक आईडी प्रदान की जाएगी और जब आप किसी भी डॉक्टर के पास इलाज कराने जाएंगे तो साथ में आपको सारे पर्चे और टेस्ट रिपोर्ट नहीं ले जानी पड़ेगी बल्कि इसी आईडी से आपका काम चल जाएगा. यदि आप अस्पताल नहीं जा पा रहे हैं तो डॉक्टर कहीं से भी बैठकर आपकी सारी मेडिकल रिपोर्ट देख सकता है.
यह योजना कैसे करेगा काम?
इस योजना के अंतर्गत, अस्पताल, क्लिनिक, डॉक्टर को एक सेंट्रल सर्वर से जोड़ दिया जाएगा. इससे व्यक्ति का मेडिकल डाटा भी उसी सर्वर पर मौजूद रहेगा. हालांकि, सरकार की इस योजना से जुड़ने के लिए अस्पताल और नागरिकों पर निर्भर करेगा. नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन में मुख्य तौर पर चार चीजों पर फोकस किया गया है. हेल्थ आईडी, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड, देशभर के डिजी डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं का रजिस्ट्रेशन.