विषय: राज्य समाचार/जम्मू और कश्मीर
1. जम्मू-कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन को गोल्ड श्रेणी में स्कोच पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- जम्मू और कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन (जेकेआरएलएम) को गोल्ड श्रेणी में “स्टेट ऑफ गवर्नेंस इंडिया 2047” थीम के तहत स्कॉच पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- जेकेआरएलएम को केंद्र शासित प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को विपणन के अवसर प्रदान करने के प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया है।
- योजना के शुभारंभ के बाद से मिशन को यह पहला पुरस्कार मिला है। यह सम्मान संस्था की उल्लेखनीय उपलब्धि का परिचायक है।
- जम्मू और कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन ने कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिन्होंने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी अनगिनत महिलाओं के जीवन को बदल दिया है।
- इन पहलों के प्रमुख उदाहरण अवसर योजना, उम्मीद महिला हाट और जिला ग्रामीण हाट, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध एसएचजी उत्पाद हैं।
- इससे न केवल स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का अवसर मिला है, बल्कि विपणन के कई अवसर भी उपलब्ध हुए हैं।
- जेकेआरएलएम का लक्ष्य गरीबों के लिए मजबूत जमीनी स्तर के संस्थानों का निर्माण करके, उन्हें लाभकारी आजीविका हस्तक्षेपों में शामिल करके और स्थायी आधार पर उनकी आय में सराहनीय सुधार सुनिश्चित करके राज्य में गरीबी को कम करना है।
विषय: राज्य समाचार/उत्तर प्रदेश
2. यूपी सरकार ने सोनभद्र के ओबरा में 18,000 करोड़ रुपये की दो थर्मल पावर परियोजनाओं को मंजूरी दी।
- 11 जुलाई को सोनभद्र के ओबरा में 18,000 करोड़ रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत 800 मेगावाट की दो ‘ओबरा डी’ थर्मल पावर परियोजनाएं बनाई जाएंगी।
- इस कदम का उद्देश्य राज्य के लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराना है।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई, जिसमें ‘ओबरा डी’ थर्मल पावर प्लांट को मंजूरी दे दी गई।
- ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान सरकार ने ओबरा में थर्मल प्लांट लगाने के लिए एनटीपीसी के साथ समझौता किया था।
- सरकार केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली एनटीपीसी के साथ 50:50 की साझेदारी में परियोजनाओं को लागू करेगी।
- 70% राशि की व्यवस्था वित्तीय संस्थानों से की जाएगी, जबकि 30% इक्विटी परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए दी जाएगी।
- ‘ओबरा डी’ थर्मल पावर प्लांट प्रदेश की पहली अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल इकाई होगी।
- पहली यूनिट करीब 50 महीने में तैयार हो जायेगी।
- थर्मल पावर उत्पादन के मामले में यूपी की वर्तमान क्षमता 7,000 मेगावाट है और दोनों संयंत्र मौजूदा क्षमता का लगभग 25% योगदान देंगे।
विषय: रक्षा
3. रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
- रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल लड़ाकू विमान और तीन नई पनडुब्बियों के अधिग्रहण को मंजूरी दी।
- इन 26 राफेल लड़ाकू विमानों में 22 सिंगल-सीटर राफेल समुद्री विमान और चार ट्विन-सीटर ट्रेनर संस्करण शामिल हैं।
- खरीदें (भारतीय) श्रेणी के तहत फ्रांस से तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां भी खरीदी जाएंगी, जिनका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा किया जाएगा।
- इसमें स्वदेशी सामग्री अधिक होगी, और इससे भारतीय नौसेना की परिचालन तैयारी में सुधार करने में मदद मिलेगी।
- इस डील पर पीएम नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान हस्ताक्षर होने की संभावना है। ये सौदे करीब 90,000 करोड़ रुपये के होंगे।
- भारतीय नौसेना के लिए राफेल लड़ाकू विमान आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात किए जाएंगे।
- हाल के वर्षों में, यह फ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख डसॉल्ट एविएशन से दूसरी लड़ाकू जेट खरीद होगी।
- वर्तमान में, भारतीय वायु सेना अप्रैल 2016 में हस्ताक्षरित €7.87 बिलियन के सौदे के तहत खरीदे गए 36 राफेल जेट का संचालन कर रहा है।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी वाली बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
विषय: राज्य समाचार/ओडिशा
4. ओडिशा कैबिनेट ने कुई भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने को मंजूरी दी।
- मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में कैबिनेट ने ‘कुई’ भाषा को भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की सिफारिश की।
- ‘कुई’ भाषा को शामिल किये जाने से इसके संरक्षण, संवर्धन एवं प्रसार में मदद मिलेगी।
- कुई भाषा में कंटेंट के प्रकाशन को गति मिलेगी और इसके संरक्षण और प्रसार के लिए पारिस्थितिकी तंत्र तैयार होगा।
- कुई भाषा को शामिल करने का लाभ सात लाख से अधिक कुई भाषी लोगों को मिलेगा। कुई के शामिल होने से ओडिशा की कंध जनजाति को कई लाभ मिलेंगे।
- संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएँ शामिल हैं।
- 2003 के 92वें संशोधन अधिनियम द्वारा बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को 8वीं अनुसूची में जोड़ा गया।
- प्रारंभ में, 14 भाषाएँ आठवीं अनुसूची का हिस्सा थीं। अन्य भाषाओं को विभिन्न संशोधनों के माध्यम से जोड़ा गया।