कोरोना का कहर जारी, भारत में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर प्रतिबंध 31 अगस्त तक बढ़ा
अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित होने की वजह से भारत सरकार विदेश में फंसे लोगों को स्वदेश लाने के लिए वंदे भारत मिशन अभियान चला रही है.
विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 31 जुलाई 2020 को कहा कि कोरोना वायरस के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर जारी प्रतिबंध को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है. यह प्रतिबंध इससे पहले 31 जुलाई तक के लिए लागू था.
डीजीसीए ने एक बयान में कहा कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल यात्री उड़ान सेवा पर जारी प्रतिबंध को 31 अगस्त तक बढ़ाने का फैसला किया है. ये प्रतिबंध कारगो उड़ानों और डीजीसीए से विशेष अनुमति प्राप्त उड़ानों पर लागू नहीं होगा.
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसके पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध 31 जुलाई तक बढ़ा दिया था. वहीं, इसके पहले डीजीसीए द्वारा उड़ानों पर प्रतिबंध 15 जुलाई तक था, जिसे 31 जुलाई किया गया और अब नए आदेश के अनुसार देश में अंतरारष्ट्रीय उड़ानें 31 अगस्त तक प्रतिबंधित रहेंगी.
वंदे भारत मिशन अभियान
अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित होने की वजह से भारत सरकार विदेश में फंसे लोगों को स्वदेश लाने के लिए वंदे भारत मिशन अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत विदेश में फंसे लोगों को चरणबद्ध तरीके से भारत लाया जा रहा है. इसके लिए एयर इंडिया की पूरी मदद ली जा रही है.
कोरोना महामारी (कोविड-19) के दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए शुरू किए गए ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत अब तक एयर इंडिया की 2,800 फ्लाईट्स के द्वारा तीन लाख से भी ज्यादा यात्रियों को वापस लाया जा चुका है. ट्वीट के जरिए एयर इंडिया ने कहा कि एयर इंडिया द्वारा वंदे भारत मिशन के तहत 2,800 फ्लाईट्स संचालित की गई थी. इसके द्वारा तीन लाख 80 हजार लोगों को अपने देश वापस लाया गया है.
वंदे भारत मिशन के पांचवें फेज की शुरूआत
कोरोना संक्रमण के कारण लगे प्रतिबंधों के चलते विभिन्न देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए ‘वंदे भारत मिशन’ के पांचवें फेज की शुरूआत 01 अगस्त 2020 से शुरू की जा रही है. पांचवें चरण में अमेरिका, कनाडा, कतर, ओमान, यूएई, सिंगापुर, यूके, फ्रैंकफर्ट, पेरिस, सऊदी अरब, बहरीन, न्यूजीलैंड, फिलिपींस जैसे देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाया जाएगा.
वंदे भारत मिशन क्या है एक नजर में
कोरोनावायरस के कारण वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध होने से विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने हेतु ‘वंदे भारत मिशन’ चलाया गया है. कोरोना वायरस लॉकडाउन के बाद से भारत सरकार ने 6 मई से वंदे भारत मिशन शुरू किया था. इस मिशन के तहत भारत सरकार तमाम देशों में फंसे भारतीयों को अपने देश वापस ला रही है. इस मिशन के अब तक चार चरण पूरे हो चुके हैं और इन चरणों में 8.14 लाख लोगों को भारत लाया जा चुका है. आज से (01 अगस्त 2020) से वंदे भारत मिशन का पांचवा चरण शुरू होने जा रहा है. यह चरण 1 अगस्त से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा.
बता दें कि देश में 25 मार्च 2020 को लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी और इससे पहले ही 23 मार्च को सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हवाई यात्रा सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. 25 मई से घरेलू हवाई यात्रा सेवा शुरू कर दी गई थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा सेवा अभी भी बहाल नहीं हो पाई है. 21 मई 2020 को इसके लिए विस्तार से दिशा-निर्देश जारी किए गए थे.
राज्यसभा सदस्य अमर सिंह का निधन, प्रधानमंत्री समेत कई दिग्गज नेताओं ने जताया दुख
राज्यसभा सांसद अमर सिंह का 01 अगस्त 2020 को सिंगापुर में निधन हो गया. वे 64 साल के थे. अमर सिंह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और करीब छह महीने से उनका सिंगापुर में इलाज किया जा रहा था. अमर सिंह बीमार होने के बावजूद सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय थे और समय समय पर वीडियो जारी कर वर्तमान राजनीति पर टिप्पणियां करते थे.
अमर सिंह के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व सीएम अखिलेश यादव और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शोक जताया है.
अमिताभ बच्चन के करीबी दोस्तों में थे अमर सिंह
अमर सिंह इससे पहले 2002 और 2008 में भी राज्यसभा के लिए चुने जाते रहे हैं. एसपी नेता मुलायम सिंह यादव के अलावा मेगास्टार अमिताभ बच्चन के परिवार से भी अमर सिंह के बेहद करीबी रिश्ते रहे हैं.
अमर सिंह के बारे में
अमर सिंह 27 जनवरी 1956 को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में पैदा हुए थे. उन्होंने कोलकाता के सैंट जेवियर्स कॉलेज से क़ानून की डिग्री ली थी.
वे पहली बार साल 1996 में राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे. अपने राजनीतिक करियर में अमर सिंह कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे. लेकिन वे लगभग अपने लंबे राजनीतिक करियर में कांग्रेस, बीजेपी और समाजवादी पार्टी के क़रीब रहे.
अमर सिंह को समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के क़रीबी के तौर पर देखा जाता रहा है. अमर सिंह ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी.
वे ऑल इंडिया कांग्रेस समिति के सदस्य भी रहे और एक समय कलकत्ता ज़िला कांग्रेस से भी जुड़े थे.
अमर सिंह वर्तमान में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सांसद थे. समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद उनकी सक्रियता कम हो गई थी. हालांकि, बीमार होने से पहले तक उनकी करीबियां भारतीय जनता पार्टी से बढ़ रही थीं.
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