Current Affairs 15 Sept 2020

ADB ने भारत में कंट्री डायरेक्टर के तौर पर टेको कोनिशी को नियुक्त किया

नई दिल्ली में देश के कार्यालय प्रमुख के तौर पर टेको कोनिशी, सरकार और अन्य विकासात्मक भागीदारों के साथ भारत में ADB के संचालन और नीतिगत संवाद का नेतृत्व करेंगे.

इस 14 सितंबर, 2020 को एशियाई विकास बैंक (ADB) ने यह घोषणा की थी कि, इसने टेको कोनिशी को भारत के देश निदेशक (कंट्री डायरेक्टर) के तौर पर नियुक्त किया है. टेको कोनिशी ने केनिची योकोयामा के बाद यह पदभार संभाला है.

ADB की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, केनिची योकोयामा ने ADB के दक्षिण एशिया विभाग के महानिदेशक का पदभार संभाल लिया है और वे मनीला में ADB मुख्यालय में अपना कार्यभार संभालेंगे.

नई दिल्ली में देश के कार्यालय प्रमुख के तौर पर टेको कोनिशी, सरकार और अन्य विकासात्मक भागीदारों के साथ भारत में ADB के संचालन और नीतिगत संवाद का नेतृत्व करेंगे.

भारत के कंट्री डायरेक्टर के तौर पर टेको कोनिशी की भूमिका

• कोनिशी ADB की भारत देश साझेदारी नीति, वर्ष 2018-2022 के कार्यान्वयन की देखरेख करेंगे. यह साझेदारी अधिक नौकरियां पैदा करने, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन संबंधी चिंताओं को दूर करने और समावेशी बुनियादी ढांचा सेवाओं और नेटवर्क प्रदान करने के लिए औद्योगिक प्रतिस्पर्धा के निर्माण पर केंद्रित है.

• एक नए कंट्री डायरेक्टर के तौर पर टेको कोनिशी की प्राथमिकता भारत के साथ ADB की दीर्घकालिक और मजबूत साझेदारी को कायम रखना होगी.

• ADB कोविड -19 महामारी के प्रभावों को कम करने में भारत की मदद करने के लिए सभी विकल्पों की खोज में मदद करेगा और भारत की तीव्र आर्थिक सुधार प्रक्रिया में सहायता करेगा.

कौन है टेको कोनिशी?

टेको कोनिशी के पास 22 साल का लंबा पेशेवर अनुभव है, जिसमें केंद्रीय और पश्चिम एशिया विभाग में सलाहकार और उज़्बेकिस्तान रेजिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर सहित कई वरिष्ठ भूमिकाओं में ADB  के साथ लगभग 2 दशक शामिल हैं.

एशियाई विकास बैंक के दक्षिण एशिया विभाग में सार्वजनिक प्रबंधन, वित्तीय क्षेत्र और व्यापार प्रभाग (SAPF) के डायरेक्टर के तौर पर अपनी भूमिका में, श्री कोनिशी ने दक्षिण एशिया में ADB के कोविड -19 कार्यक्रमों के तीव्र क्रियान्वयन का समर्थन किया है.

कोनिशी ने अमेरिका के पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय से सार्वजनिक और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में मास्टर डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने लिंचबर्ग कॉलेज, यूएसए से राजनीति विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है.

भारत और ADB: पृष्ठभूमि

वर्तमान में, भारत ADB का चौथा सबसे बड़ा शेयरधारक है और वर्ष 2010 से इसका सबसे बड़ा कर्जदार है. वर्ष 1986 में, जब ADB ने भारत में अपने ऋण परिचालन की शुरुआत की, इसने 44.1 बिलियन अमरीकी डालर मूल्य के 242 संप्रभु ऋण दिए हैं.

ADB भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि भारत को अपने स्थायी और समावेशी आर्थिक परिवर्तन को गति देने में मदद कर सके.

वर्ष 2020 में, ADB ने अब तक 2.2 अरब अमरीकी डॉलर का संप्रभु ऋण दिया है, जिसमें भारत सरकार को कोविड -19 की तत्काल प्रतिक्रिया के लिए 1.5 बिलियन अमरीकी डालर की आर्थिक सहायता  भी शामिल है, ताकि भारत में सामाजिक सुरक्षा उपाय और रोग रोकथाम के विभिन्न उपाय किये जा सकें. भारत के वर्तमान पोर्टफोलियो में 68 परियोजनाएं शामिल हैं जिनकी कीमत लगभग 13.7 बिलियन अमरीकी डालर है.

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में 7 परियोजनाओं की शुरुआत की

प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में  सात परियोजनाओं की आधारशिला रखी. इनमें से चार जल आपूर्ति, दो सीवरेज ट्रीटमेंट और एक रिवरफ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितम्बर 2020 को बिहार की जलापूर्ति व सीवर से जुड़ी 541 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में  सात परियोजनाओं की आधारशिला रखी.

इनमें से चार जल आपूर्ति, दो सीवरेज ट्रीटमेंट और एक रिवरफ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित हैं. ये परियोजनाएं केंद्र की नमामि गंगे और अमरुत योजना से जुड़ी हैं. इनमें पटना की बेउर और कर्मलीचक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा सीवान, छपरा, मुंगेर, जमालपुर, मुजफ्फरपुर से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं.

विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) की घोषणा के पहले पीएम मोदी के छह कार्यक्रमों में यह तीसरा कार्यक्रम था. प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट को लेकर एहतियात बरतने को भी जरूरी बताया.

प्रधानमंत्री ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाखों इंजीनियर देश के विकास को नई ऊंचाई देने में लगे हैं. बिहार तो देश के विकास को नई ऊंचाई देने वाले लाखों इंजीनियर देता है. बिहार की धरती तो आविष्कार और इनोवेशन की पर्याय रही है. बिहार के कितने ही बेटे हर साल देश के सबसे बड़े इंजीन्यरिंग संस्थानों में पहुंचते हैं, अपनी चमक बिखेरते हैं.

नमामि गंगे के तहत 6054 करोड़ रुपये

प्रधानमंत्री ने विकास योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि देश में साल 2014 के बाद ग्राम पंचायताओं और स्थानीय निकायों को विकास की जिम्मेदारी दी गई है. नमामि गंगे मिशन के तहत नदी तट विकास योजनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुजफ्फरपुर के अखाड़ा घाट, सीढ़ी घाट और चंदवारा घाट पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा. बिहार में नमामि गंगे के तहत 6054 करोड़ रुपये की परियोजनाएं प्रस्तावित है.

कर्मलीचक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन

प्रधानमंत्री बेउर और कर्मलीचक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया. नगर परिषद सीवान और छपरा नगर निगम की जलापूर्ति योजना का उद्घाटन किया. वहीं मुजफ्फरपुर में रिवर फ्रंट विकसित करने और मुंगेर नगर निगम तथा जमालपुर नगर परिषद की जलापूर्ति योजनाओं का भी शिलान्यास किया.

मत्स्य विभाग परियोजना का उद्घाटन

प्रधानमंत्री 10 और 13 सितंबर को मत्स्य विभाग और पेट्रोलियम से जुड़ी कई परियोजनाओं का शुभारंभ कर चुके हैं. इसी क्रम में नगरीय विकास से जुड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया है

केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगाया बैन

इस फैसले का मुख्य उद्देश्‍य घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाना और कीमतों को काबू में रखना है. अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि संक्रमणकालीन व्यवस्था के तहत आने वाले प्रबंधों के प्रावधान इसके दायरे में नहीं आएंगे.

केंद्र सरकार ने 14 सितम्बर 2020 को प्याज की सभी किस्मों का निर्यात तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना के अनुसार, प्याज की सभी किस्मों के निर्यात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाता है.

इस फैसले का मुख्य उद्देश्‍य घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाना और कीमतों को काबू में रखना है. अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि संक्रमणकालीन व्यवस्था के तहत आने वाले प्रबंधों के प्रावधान इसके दायरे में नहीं आएंगे.

प्याज के निर्यात पर तत्काल रोक

आपको बता दें कि प्याज आम आदमी के जीवन में दैनिक भोजन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर रोक लगा दी है. केंद्र सरकार के इस कदम से प्याज की लोकल बाजार में उपलब्धता बढ़ेगी जिससे कीमतें भी कम होंगी.

 

प्याज की कीमतें बढ़ीं

दरअसल दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के चलते इस बार प्याज की फसल को खासा नुकसान हुआ है. इसके वजह से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही हैं.

निर्यात पर रोक लगने से सस्ता होगा प्याज

आपको बता दें कि भारत ने अप्रैल से जून के बीच लगभग 19.8 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया है. पिछले साल 44 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया गया था.

भारत से सबसे ज्यादा प्याज का निर्यात

भारत से सबसे ज्यादा प्याज का निर्यात श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को होता है. अब जब प्याज के निर्यात पर रोक लग गयी है तो इससे देश में प्याज की कमी दूर होगी और इसकी कीमतों में गिरावट आएगी.

कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी रिपोर्ट

बता दें कि डीजीएफटी आयात और निर्यात से जुड़े मसलों को देखने वाली इकाई है जो वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करता है. हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-20 के दौरान देश में आलू, प्याज और टमाटर का उत्पादन साल 2018-19 के मुकाबले अधिक हुआ है.

निर्यात पर बैन पहले भी लगा था

सरकार ने इससे पहले सितंबर 2019 में भी प्याज के निर्यात पर रोक लगाई थी. उस समय मांग और आपूर्ति में बहुत ज्यादा अंतर आने से प्याज के भाव काफी ज्यादा बढ़ गए थे. महाराष्ट्र जैसे बड़े प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश और बाढ़ के चलते प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था.

भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी

केंद्र ने कुल मिलाकर 2.35 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च के लिए संसद से मंजूरी मांगी है, जिसमें  कोविड -19 महामारी का मुकाबला करने के लिए खर्चों को पूरा करने के लिए 1.66 लाख करोड़ रुपये का नकद बहिर्वाह भी शामिल है.

इस 14 सितंबर 2020 को केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) की विनियामक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए संसद की मंजूरी मांगी है. यह प्रस्ताव वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में वर्ष 2020-21 के लिए अनुपूरक मांगों के पहले बैच का एक हिस्सा है.

वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज में यह उल्लेख किया गया है कि, सरकार ने सरकारी प्रतिभूतियों के मुद्दे के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की दिशा में खर्च को पूरा करने के लिए संसद से 20,000 करोड़ रुपये के निवेश की अनुमति मांगी है.

मुख्य विशेषताएं

• केंद्र ने कुल मिलाकर 2.35 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च के लिए संसद की मंजूरी मांगी है, जिसमें कोविड -19 महामारी का मुकाबला करने के लिए खर्चों को पूरा करने के लिए 1.66 लाख करोड़ रुपये का नकद बहिर्वाह भी शामिल है.

• सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत प्रदान किये जाने वाले ‘शिशु ऋणों’ के त्वरित पुनर्भुगतान पर 2 प्रतिशत की ब्याज आर्थिक सहायता हेतु लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) के लिए 1,232 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी मांगी है.

• वित्त मंत्री ने पात्र MSME उधारकर्ताओं के लिए गारंटी आपातकालीन क्रेडिट लाइन (GECL) सुविधा के लिए नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) को सामान्य अनुदान सहायता के लिए अतिरिक्त खर्च को पूरा करने के लिए 4,000 करोड़ रुपये के लिए भी संसद की मंजूरी मांगी है.

• केंद्र सरकार ने अपने बजट वर्ष 2020-21 में PSBs के लिए किसी भी प्रकार का पूंजीगत निवेश करने से इस उम्मीद के साथ मना कर दिया था कि, ऋणदाता अपनी आवश्यकताओं के आधार पर बाजार से धन जुटाएंगे.

वित्त वर्ष 2019-20 में PSBs में सरकार का पूंजीगत निवेश

• वित्त वर्ष 2019-20 में, सरकार ने अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत प्रोत्साहन के साथ-साथ क्रेडिट को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी लगाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था.

• इसलिए, पिछले वित्त वर्ष में पंजाब नेशनल बैंक को 16,091 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 11,768 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 6,571 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक को 2,534 करोड़ रुपये मिले थे.

• अन्य बैंकों में, इलाहाबाद बैंक को 2,153 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,666 करोड़ और आंध्रा बैंक को 200 करोड़ रुपये मिले. तीन उधारदाताओं को अब विभिन्न PSBs के साथ मिला दिया गया है.

• बैंक ऑफ बड़ौदा को भी 7,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत लाभ मिला, जबकि इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक को क्रमशः 4,360 करोड़ रुपये और 2,142 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.

• इसके अलावा, पंजाब एंड सिंध बैंक को 787 करोड़ रुपये का पूंजीगत निवेश हासिल हुआ और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 3,353 करोड़ रुपये मिले.

• IDBI बैंक ने अनुदानों की अनुपूरक मांगों के माध्यम से 4,557 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी भी प्राप्त की है.

पृष्ठ-भूमि

अप्रैल 2020 में, केंद्र ने राज्य के बैंकों को आश्वासन दिया था कि वह पूंजी सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है, क्योंकि कोविड -19 महामारी खराब ऋणों में वृद्धि का कारण बन सकती है क्योंकि आर्थिक विकास धीमा हो रहा है. सरकार पहले ही अपने बैंकों को बचाने के लिए पिछले पांच वर्षों में 3.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है

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