Current Affairs 15 Oct 2020

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र सरकार का तोहफा, दिया 520 करोड़ रुपये का पैकेज

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के लिए 520 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंजूरी दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 अक्टूबर 2020 को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 520 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंजूरी दी है. यह पांच साल की अवधि के लिए है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के लिए 520 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंजूरी दी.

केंद्र सरकार ने कहा कि इससे इन केंद्र शासित प्रदेशों की जरूरत के आधार पर मिशन के अंतर्गत पर्याप्त धन सुनिश्चित कराया जाएगा. साथ ही केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी केंद्र प्रायोजित व उन्मुख योजनाओं को धरातल पर समयबद्ध तरीके से उतारना ही भारत सरकार का लक्ष्य है.

उद्देश्य

इसका मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को डीएवाई-एनआरएलएम के तहत उनकी आजीविका के साथ-साथ संस्थानों और बैंकों से वित्तीय संसाधनों के जरिए परिवार की एक महिला सदस्य को स्वयं सहायता समूह में शामिल करना, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के साथ-साथ आजीविका योजनाओं में सहायता प्रदान करना है.

मुख्य बिंदु

मिशन में स्वयं सहायता की भावना के साथ समुदाय पशेवरों के जरिए समुदाय संस्थानों के साथ कार्य करना शामिल है.

कार्यक्रम की सबसे अहम बात यह है कि इसे राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यान्वयन सहायता इकाइयों के साथ मिशन मोड में लागू किया गया है.

यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बदली परिस्थितियों को देखते हुए ग्रामीण परिवारों और महिला सशक्तीकरण के लिहाज से जीवन स्तर को सुधारने का काम करेगा.

डीएवाई-एनआरएलएम एक केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है. इसका उद्देश्य देशभर में ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए कई आजीविका के प्रचार के माध्यम से ग्रामीण गरीबी को समाप्त करना है.

दीनदयाल अंत्योदय योजना: एक नजर में

दीनदयाल अंत्योदय योजना का मुख्य उद्देश्य कौशल विकास और अन्य उपायों के माध्यम से आजीविका के अवसरों में वृद्धि कर शहरी और ग्रामीण गरीबी को कम करना है. मेक इन इंडिया, कार्यक्रम के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सामाजिक तथा आर्थिक बेहतरी के लिए कौशल विकास आवश्यक है. दीनदयाल अंत्योदय योजना को आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के तहत शुरू किया गया था.

इस योजना का लक्ष्य चरणबद्ध तरीके से शहरी बेघरों हेतु आवश्यक सेवाओं से लैस आश्रय प्रदान करना भी होगा. योजना शहरी सड़क विक्रेताओं की आजीविका संबंधी समस्याओं को देखते हुए उनकी उभरते बाजार के अवसरों तक पहुँच को सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त जगह, संस्थागत ऋण, और सामाजिक सुरक्षा और कौशल के साथ इसे सुविधाजनक बनाने से भी संबंधित है. केंद्र सरकार ने शहरी और ग्रामीण गरीबों के लिए दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना का आरंभ 25 सितंबर 2014 को किया था. योजना का उद्देश्य कौशल विकास और अन्य उपायों के माध्यम से आजीविका के अवसरों में वृद्धि कर शहरी और ग्रामीण गरीबी को कम करना है.

प्रति व्यक्ति GDP में भारत से आगे निकल सकता है बांग्लादेश: IMF रिपोर्ट

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के मुताबिक बांग्लादेश का प्रति व्यक्ति जीडीपी 2020 में 4 प्रतिशत बढ़कर 1,888 डॉलर रहने की संभावना है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 13 अक्टूबर 2020 को जारी रिपोर्ट में कहा कि कोरोनाकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ रही मार की वजह से बांग्लादेश प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में भारत को भी पीछे छोड़ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में बांग्लादेश भारत को पछाड़ते हुए आगे निकलने को तैयार है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के मुताबिक बांग्लादेश का प्रति व्यक्ति जीडीपी 2020 में 4 प्रतिशत बढ़कर 1,888 डॉलर रहने की संभावना है. भारत का प्रति व्यक्ति जीडीपी 10.5 प्रतिशत गिरकर 1,877 डॉलर रहने की संभावना है, जो पिछले चार साल में सबसे निचला स्तर होगा. दोनों देशों के जीडीपी के आंकड़े मौजूदा भाव पर हैं.

भारत की जीडीपी में 10.3 प्रतिशत की गिरावट

आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि इस साल भारत की जीडीपी में 10.3 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. यदि ऐसा हुआ तो प्रति व्यक्ति जीडीपी को लेकर भारत दक्षिण एशिया में पाकिस्तान और नेपाल के बाद तीसरा सबसे गरीब देश बन जाएगा. जबकि बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव की हालत इस मामले में भारत से अच्छी होगी.

 

भारत 2021 में चीन को पछाड़ सकता है

आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि साल 2021 में प्रभावशाली 8.8 प्रतिशत की विकास दर के साथ भारत, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में वापसी कर सकता है. इस प्रकार सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था की स्थिति को फिर से हासिल करते हुए भारत चीन की अनुमानित विकास दर 8.2 प्रतिशत को पार कर सकता है.

चीन की अर्थव्यवस्था में 1.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी

आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना वार्षिक बैठक से पहले ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य’ रिपोर्ट जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि साल 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी और 2021 में यह 5.2 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हासिल करेगी. रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 5.8 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है, जबकि अगले साल इसमें 3.9 प्रतिशत की वृद्धि होगी. साल 2020 के दौरान दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में केवल चीन ही एकमात्र देश होगा जिसमें 1.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जायेगी.

भारत का प्रति व्यक्ति जीडीपी

आईएमएफ ने साल 2020 में पीपीपी के हिसाब से भारत का प्रति व्यक्ति जीडीपी 6,284 डॉलर रहने का अनुमान लगाया है. वहीं बांग्लादेश का प्रति व्यक्ति जीडीपी 5,139 डॉलर रहने का अनुमान है. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग-2) के दौरान यह 2009-10 के 65,394 रुपये से बढ़कर 2013-14 में 78,348 रुपये हो गया, जो 19.8 प्रतिशत की वृद्धि है.

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि

आईएमएफ और विश्वबैंक की वार्षिक बैठक से पहले जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी. हालांकि, 2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी. आईएमएफ के मुताबिक 2020 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 5.8 प्रतिशत की गिरावट आएगी. अगले साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था 3.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी.

चीन की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान

आईएमएफ का अनुमान है कि साल 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में जबर्दस्त उछाल आएगा और यह 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी. आईएमएफ ने अपनी ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा है कि अगले साल भारत सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर हासिल करेगा. इस दौरान चीन की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.

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