Current Affairs प्रधानमंत्री मोदी

12 Oct 2020

प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू की ‘स्वामित्व योजना’, जानें इसके बारे में सबकुछ

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस योजना को ग्रामीण भारत में बदलाव लाने वाली ऐतिहासिक पहल बताया है. सरकार की इस पहल से ग्रामीणों को अपनी जमीन और संपत्ति को एक वित्तीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल करने की सुविधा मिलेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2020 को लोकनायक जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती पर स्वामित्व योजना की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि आज आपके पास एक अधिकार है, एक कानूनी दस्तावेज है कि आपका घर आपका ही है, आपका ही रहेगा.

पीएम मोदी ने इस मौके पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख को भी याद किया और कहा कि इन दोनों महापुरुषों का सिर्फ जन्मदिन ही एक तारीख को नहीं पड़ता, बल्कि इनके संघर्ष और आदर्श भी एक समान रहे हैं. उन्होंने कहा कि गांव और गरीब की आवाज़ को बुलंद करना जेपी और नानाजी के जीवन का साझा संकल्प रहा है.

 

मुख्य बिंदु

•    प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस योजना को ग्रामीण भारत में बदलाव लाने वाली ऐतिहासिक पहल बताया है.

•    सरकार की इस पहल से ग्रामीणों को अपनी जमीन और संपत्ति को एक वित्तीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल करने की सुविधा मिलेगी जिसके एवज में वह बैंकों से कर्ज और दूसरा वित्तीय फायदा उठा सकेंगे.

•    योजना की लॉन्चिंग के ये लाभार्थी छह राज्यों के 763 गाँवों से हैं. इनमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो गांव शामिल हैं.

•    बयान के मुताबिक महाराष्ट्र को छोड़कर इन सभी राज्यों के लाभार्थियों को एक दिन के भीतर अपने संपत्ति कार्ड की भौतिक रूप से प्रतियां प्राप्त होंगी. महाराष्ट्र में संपत्ति कार्डों के लिये कुछ राशि लिये जाने की व्यवस्था है, इसलिए इसमें एक महीने का समय लगेगा.

स्वामित्व योजना क्या है?

स्वामित्व योजना पंचायती राज मंत्रालय की योजना है. प्रधानमंत्री ने 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती दिवस पर इसकी शुरूआत की थी. योजना का उदेश्य ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के मालिकों को अधिकार संबंधी रिकार्ड से संबद्ध संपत्ति कार्ड उपलब्ध कराना है. पीएमओ के मुताबिक इस योजना को चरणबद्ध तरीके से चार साल (2020-24) में पूरे देश में लागू किया जाना है. इसके दायरे में लगभग 6.62 लाख गांव आएंगे.

स्वामित्व योजना कैसे लागू होगा

स्वामित्व योजना केंद्र सरकार की योजना है. इस लागू करने के लिए नोडल एजेंसी पंचायती राज मंत्रालय है. राज्यों में इसे लागू करने के लिए राजस्व विभाग या लैंड रिकॉर्ड्स डिपार्टमेंट को नोडल विभाग बनाया गया है जो राज्य के पंचायती राज्य विभाग के सहयोग से इस योजना को लागू करेगा. इस योजना को लागू करने में सर्वे ऑफ इंडिया तकनीकी सहयोगी के रूप में कार्य करेगा.

स्वामित्व योजना के लाभ

इस योजना के अंतर्गत ड्रोन सर्वे तकनीक की सहायता से गांव के आबादी वाले क्षेत्रों का सीमांकन किया जाएगा. इससे गांव में रहने वाले लोगों को अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड्स ऑफ राइट्स हासिल होगा. इस योजना से ग्रामीण योजना के लिए जमीन के सटीक आंकड़े मिलेंगे और प्रॉपर्टी टैक्स के आकलन में सरकार को मदद मिलेगी. इसके अतिरिक्त इससे जमीन से जुड़े कानूनी झगड़े कम करने में मदद मिलेगी.

भारत के आठ समुद्री तटों को मिला ‘ब्लू फ्लैग’ का दर्जा, जानिए क्या होता है यह सम्मान

भारत के आठ समुद्री तटों को प्रतिष्ठित ‘ब्लू फ्लैग’ सम्मान से सम्मानित किया गया है. इसमें गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और ओडिशा समेत पांच राज्यों के तट शामिल हैं.

पर्यावरण मंत्रालय ने 11 अक्टूबर 2020 को बताया है कि भारत के आठ समुद्री तटों को प्रतिष्ठित ‘ब्लू फ्लैग’ सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया है. इसके साथ ही भारत दुनिया के उन 50 देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास ब्लू फ्लैग दर्जे वाले स्वच्छ समुद्री तट मौजूद हैं.

साथ ही भारत को तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ‘इंटरनेशनल बेस्ट प्रैक्टिस’ के तहत तीसरे पुरस्कार के लिए भी चुना गया है. फाउंडेशन फॉर इन्वायरमेन्ट एजुकेशन ने भारत के आठ समुद्री किनारों को ‘ब्ल्यू फ्लैग’ दिया है. यह तमगा कई मानकों पर खरा उतरने वाले समुद्री किनारों को दिया जाता है.

आठ समुद्री तटों को मिला यह सम्मान

भारत के आठ समुद्री तटों को प्रतिष्ठित ‘ब्लू फ्लैग’ सम्मान से सम्मानित किया गया है. इसमें गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और ओडिशा समेत पांच राज्यों के तट शामिल हैं. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यह भारत के लिए बड़े सम्मान की बात है. यह पर्यावरण के क्षेत्र में भारत के संरक्षण और सतत विकास के प्रयासों को समूचे विश्व की मान्यता मिलना है.

मंत्रालय ने बताया कि ब्लू फ्लैग से सम्मानित भारत के आठ समुद्री तट गुजरात का शिवराजपुर बीच, दियु का घोघला, कर्नाटक का कासरकोड व पदुबिद्री, केरल का कप्पड, आंध्र प्रदेश का रुषिकोंडा, ओडिशा का गोल्डन और अंडमान व निकोबार का राधानगर तट है.

 

कैसे दिया जाता है यह सम्मान

किसी भी देश के समुद्र किनारे बीच को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट देने के लिए वैसे तो कुल 33 स्टैंडर्ड तय किए गए हैं मगर उनमें से कुछ प्रमुख है. इसमें सबसे पहले पानी की गुणवत्ता के कुछ मानक होना, अपशिष्ट निपटान की सुविधा होना, प्राथमिक चिकित्सा उपकरण होना और पालतू जानवरों का तट पर प्रतिबंधित होना जैसे स्टैंडर्ड शामिल हैं. इन मानकों में से कुछ स्वैच्छिक और कुछ बाध्यकारी हैं.

ब्लू फ्लैग कार्यक्रम

समुद्र तटों को पर्यावरण हितैषी बनाने के लिए ब्लू फ्लैग कार्यक्रम को फ्रांस के पेरिस से शुरू किया गया था और लगभग दो साल के भीतर ही यूरोप के लगभग सारे समुद्र तटों को इस तमगे से नवाज दिया गया. ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट डेनमार्क की एक संस्था द्वारा दिया जाता है. पर्यावरण मंत्रालय ने भारत में ‘ब्लू फ्लैग बीच’ के मानकों के अनुसार समुद्र तटों को विकसित करने का पायलट प्रोजेक्ट दिसंबर 2017 में शुरू किया था.

फाउंडेशन फॉर इन्वायरमेन्ट एजुकेशन (FEE) के बारे में

फाउंडेशन फॉर इन्वायरमेन्ट एजुकेशन (FEE) की स्थापना साल 1985 में फ्राँस में की गई थी और इसने वर्ष साल 1987 से यूरोप में अपना कार्य शुरू किया. स्पेन, ग्रीस और फ्राँस क्रमशः 566, 515, 395 ब्लू फ्लैग स्थलों के साथ शीर्ष पर हैं. फाउंडेशन फॉर इन्वायरमेन्ट एजुकेशन ने 4664 समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग टैग दिया है. इनमें 46 देशों के मरीना और बोअट्स को ब्ल्यू फ्लैग टैग मिला है. सबसे ज्यादा ब्ल्यू फ्लैग स्पेन के बीच को मिले हैं.

ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट मिलने से क्या होगा लाभ

दरअसल ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट मिल जाने के बाद से देश के समुद्र तट भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से हो जाएंगे. उसके बाद जो लोग अभी तक विदेशों में समुद्र किनारे घूमने टहलने के लिए जाते हैं वो यहां पर भी उसका मजा ले सकेंगे. इसके अतिरिक्त विदेशों से आने वाले सैलानी भी यहां जा सकेंगे, वो देश में पर्यटक स्थलों के अलावा समुद्री किनारों का भी मजा ले सकेंगे.

पृष्ठ-भूमि

पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने साल 2018 में देश के 13 समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग के लिए चिह्नित किया था. इनमें से फिलहाल 8 के नाम 18 सितंबर को भेजे गए थे, जिन्हें मानकों पर पूरी तरह खरा पाया गया. पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर के अनुसार, भारत एशिया-पैसेफिक क्षेत्र में महज 2 साल के अंदर ब्लू फ्लैग दर्जा हासिल करने वाला पहला देश भी बन गया है. भारत ब्लू फ्लैग दर्जे वाले समुद्री तटों वाला एशिया का महज चौथा देश बन गया है

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *