विषय: राज्य समाचार/उत्तर प्रदेश
1. यूपी में ‘प्रयागराज’ और ‘नैमिषारण्य’ को पर्यटन मंत्रालय द्वारा ‘स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी2.0) के तहत विकास स्थलों के रूप में पहचाना गया है।
- इनकी पहचान सतत और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से की गई है।
- उत्तर प्रदेश में चिन्हित विषयगत सर्किट की 08 परियोजनाएँ हैं।
- सरकार ने देश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के लिए वर्ष 2014-15 में ‘स्वदेश दर्शन योजना’ (एसडीएस) शुरू की थी।
- स्वदेश दर्शन 2.0 का उद्देश्य सतत और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दृष्टि से समग्र विकास करना है।
- इस योजना को “वोकल फॉर लोकल” के मंत्र के साथ नया रूप दिया गया है।
विषय: राष्ट्रीय समाचार
2. जी-20, सदस्य देशों को समर्पित एक कला प्रदर्शनी 7 अगस्त को बिहार संग्रहालय, पटना में शुरू हुई।
- दो महीने तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का नाम टुगेदर वी आर्ट है।
- प्रदर्शनी का समापन 7 अक्टूबर को होगा।
- प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया।
- केंद्रीय कला एवं संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित इस प्रदर्शनी में भारत समेत 29 देश हिस्सा ले रहे हैं।
- इसके साथ ही बिहार म्यूजियम बिनाले 2023 की भी शुरुआत की गई है, जो पांच महीने तक चलेगा।
(Source: News on AIR)
विषय: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
3. भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के प्रकाशन के अनुसार, भारत में 5% पक्षी स्थानिक हैं।
- जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) के हालिया प्रकाशन से पता चलता है कि भारत में पाए जाने वाले 5% पक्षी स्थानिक हैं।
- ‘भारत के 75 स्थानिक पक्षी’ शीर्षक वाला प्रकाशन जेडएसआई के 108वें स्थापना दिवस पर जारी किया गया है।
- भारत में 1,353 पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो वैश्विक पक्षी विविधता का लगभग 12.40% है।
- 1,353 पक्षी प्रजातियों में से 78 (5%) भारत की स्थानिक प्रजाति हैं।
- जेडएसआई निदेशक धृति बनर्जी ने बताया कि प्रकाशन देश में स्थानिक पक्षी प्रजातियों के महत्व पर प्रकाश डालता है।
- प्रकाशन बताता है कि 75 पक्षी प्रजातियाँ 11 अलग-अलग आर्डर, 31 परिवारों और 55 प्रजातियों से संबंधित हैं।
- पश्चिमी घाट में सबसे अधिक संख्या में स्थानिक प्रजातियाँ (28 पक्षी प्रजातियाँ) दर्ज की गई हैं।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 25 पक्षी प्रजातियाँ स्थानिक हैं।
- भारत में पांच स्थानिक पक्षियों को आईयूसीएन लाल सूची में ‘लुप्तप्राय’, 17 को ‘असुरक्षित’ और 11 को ‘संकटग्रस्त’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
विषय: राज्य समाचार/तेलंगाना
4. तेलंगाना राज्य विधानसभा ने तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम को पारित कर दिया।
- तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (कर्मचारियों का सरकारी सेवा में अवशोषण) विधेयक 2023 तेलंगाना राज्य विधानसभा द्वारा पारित कर दिया गया है।
- यह राज्य सरकार में टीएसआरटीसी के विलय का मार्ग प्रशस्त करेगा।
- राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई साउंडराजन द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद परिवहन मंत्री पी अजय कुमार ने विधानसभा में विधेयक पेश किया।
- इस फैसले से राज्य सरकार पर सालाना करीब 3000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
- परिवहन मंत्री पी अजय कुमार ने कहा कि टीएसआरटीसी परिवहन, सड़क और भवन विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत काम करना जारी रखेगा।
- नए नियम बनने तक टीएसआरटीसी के मौजूदा सेवा नियम लागू रहेंगे।