24/07/2020 Current Affairs

प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण 24 जुलाई, 2020 के Current Affairs.

पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कृषि मशीनरी, कृषि आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, खाने-पीने की चीजों, मछली पालन और जैविक उत्पादों में निवेश के अवसर हैं. इस सम्मेलन की थीम बेहतर भविष्य का निर्माण है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जुलाई 2020 को इंडिया आइडियाज समिट (India Ideas Summit 2020) को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में निवेश करने के विकल्प व्यापक हैं. भारत आपको हमारे किसानों की हार्डवर्क में निवेश करने हेतु आमंत्रित करता है.

इस समिट का आयोजन ‘यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल’ ने किया है. इस साल ‘यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल’ के गठन के 45 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. इसी मौके पर ये खास कार्यक्रम आयोजित किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में भारत और अमेरिका के लोगों को संबोधित किया. इस सम्मेलन की थीम बेहतर भविष्य का निर्माण है.

जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी आमंत्रित

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से पहले इंडिया आइडियाज समिट (India Ideas Summit) में कहा कि अमेरिका ने पीएम मोदी को अगले जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है, जहां हम अंतरराष्ट्रीय समृद्धि तंत्र को आगे बढ़ाएंगे.

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

• प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत हेल्थ सेक्टर में निवेश करने के लिए आपको आमंत्रित करता है. भारत का हेल्थकेयर सेक्टर 22 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एनर्जी सेक्टर में निवेश करने हेतु आमंत्रित करता है. भारत खुद को गैस बेस्ड इकॉनमी में बदल रहा है. इस क्षेत्र में अमेरिका की कंपनियों के लिए काफी अवसर होंगे.

• प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को संदेश देते हुए कहा कि लॉकडाउन में भारत को 20 अरब डॉलर का निवेश मिला है.

• उन्होंने कहा कि हमारी कंपनियां चिकित्सा-प्रौद्योगिकी, टेलीमेडिसिन और डाइग्नोसिस में भी प्रगति कर रही हैं. भारत आपको रक्षा और अंतरिक्ष में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता है. हम रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए एफडीआइ कैप को 74 प्रतिशत तक बढ़ा रहे हैं.

• पीएम मोदी ने सिविल एविएशन क्षेत्र को लेकर कहा कि इस क्षेत्र में भी विकास के काफी अवसर हैं. अगले 8 सालों के भीतर हवाई यात्रियों की संख्या दोगुने से अधिक होने की उम्मीद है.

पीएम मोदी ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत में एफडीआइ प्रवाह 74 बिलियन अमरिकी डॉलर था. यह पिछले वर्ष से 20 प्रतिशत ज्यादा है. भारत ने अप्रैल और जुलाई के बीच 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का विदेशी निवेश आकर्षित किया है.

• पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक लचीलापन मजबूत घरेलू आर्थिक क्षमताओं द्वारा प्राप्त किया जा सकता है. इसका मतलब विनिर्माण हेतु घरेलू क्षमता में सुधार, वित्तीय प्रणाली को बेहतर करना और अंतरराष्ट्रीय व्यापार का विविधीकरण है.

क्या है यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल?

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल का गठन 45 साल पहले 1975 में भारत और अमेरिका के निजी क्षेत्रों को निवेश के प्रवाह को बढ़ाने और प्रोत्साहित करने हेतु एक व्यावसायिक एडवोकेसी करने वाले संगठन के रूप में किया गया था. ये काउंसिल व्यापार और सरकार के नेताओं के बीच एक सीधा संबंध बनाने का काम करता है.

भारतीय युवाओं में स्वयंसेवा को बढ़ावा देने हेतु यूनिसेफ के साथ

खेल मंत्रालय की भागीदारी

विभिन्न समाधानों को सह-निर्मित करने और लागू करने के उद्देश्य से युवा लोगों के साथ मिलकर काम करने के लिए इस नई साझेदारी से संयुक्त राष्ट्र और खेल मंत्रालय के प्रयासों को बल मिलेगा.

भारतीय युवाओं के बीच स्वयंसेवा को बढ़ावा देने के लिए युवा मामले और खेल मंत्रालय (MYAS) ने, यूनिसेफ द्वारा गठित एक बहु-हितधारक मंच, यूवाह (YuWaah) के साथ इस साझेदारी के तहत काम करने के लिए एक ‘इरादे का बयान’ पर हस्ताक्षर किए हैं.

इस साझेदारी का उद्देश्य भारतीय युवाओं को उत्पादक कार्यों के शिक्षण और प्रशिक्षण के साथ उनका कौशल बढ़ाकर उन्हें एक सक्रिय नागरिक बनाना है. इस कदम से किरेन रिजिजू के भारत में एक करोड़ युवा स्वयंसेवकों को जुटाने और पीएम मोदी के आत्मानिर्भर भारत के आह्वान में योगदान करने में मदद मिलेगी.

भारत और यूनिसेफ के बीच इस साझेदारी का शुभारंभ युवा मामले और खेल मंत्री किरेन रिजिजू की उपस्थिति में सचिव, युवा मामले, उषा शर्मा और भारत में यूनिसेफ के प्रतिनिधि यास्मीन अली हक ने किया.

भारतीय युवाओं का प्रोत्साहन

इस आयोजन में, उषा शर्मा ने कहा कि युवा मामले और खेल मंत्रालय में YuWaah को एक अनोखे अवसर के रूप में देखा जाता है, जो युवाओं के लिए और युवाओं के साथ युवाओं के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है.

उन्होंने कहा कि यह साझेदारी NSS, NYKS स्वयंसेवकों को एक बड़ा मंच देती है क्योंकि उन्हें वैश्विक प्रयासों के साथ मिलकर काम करने का मौका मिलता है

भारत में यूनिसेफ के प्रतिनिधि ने यह भी दावा किया है कि, भारत में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों तथा युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के बीच इस साझेदारी के माध्यम से YuWaah भारत के युवा लोगों को अपने एजेंडा का निर्माण और विकास का नेतृत्व करने के द्वारा अपना समर्थन देगा.

यूनिसेफ और MYAS(Ministry of Youth Affairs and Sports ) के बीच भागीदारी

इस नई साझेदारी से संयुक्त राष्ट्र और खेल मंत्रालय को लाभ होगा कि वे युवाओं के साथ मिलकर काम करें और भारत में युवाओं के लिए शिक्षा तथा बेरोजगारी जैसी चुनौतियों से निपटने के साथ इन युवाओं को कुशल बनाने के लिए विभिन्न समाधानों को सह-निर्मित और लागू करें.

इस भागीदारी में भारतीय युवाओं को उद्यमिता में सहयोग देना, उनका कौशल बढ़ाना, आकांक्षात्मक सामाजिक-आर्थिक अवसरों के साथ संबंध बनाना, युवाओं को करियर मार्गदर्शन सहायता प्रदान करना, युवा लोगों के बीच नागरिक भागीदारी, नीति हितधारकों और युवा लोगों के बीच प्रतिक्रिया तंत्र की स्थापना, प्रत्यक्ष संवाद का समर्थन, और सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए NSS और NYKS कैडर और स्वयंसेवक बल की क्षमता का निर्माण करने के लिए सहयोग शामिल होगा.

किरन रिजिजू ने इस साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए यह कहा है कि, इस चुनौतीपूर्ण समय में यह बहुत उपयुक्त है. उन्होंने आगे यह भी कहा कि, उन्हें भरोसा है कि यह हमारी मौजूदा नीतियों पर पूरा ध्यान देगा. भारत सरकार युवाओं की राय और विचारों को सुनने के लिए प्रतिबद्ध है और सोचने के ये नए तरीके ऐसे हैं जो भारत की आगामी चुनौतियों का समाधान करने में हमारी बहुत सहायता करेंगे.

भारत और रूस के बीच वर्ष 2020 के अंत तक रक्षा रसद

साझाकरण समझौते पर हो सकते हैं हस्ताक्षर

यह रक्षा रसद समझौता इन दोनों देशों को एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों और अन्य सहायता सुविधाओं तक सहज पहुंच बनाने में सक्षम बनाएगा.

भारत और रूस द्वारा इस वर्ष अर्थात 2020 के अंत तक की जाने वाली वार्षिक शिखर बैठक में रक्षा रसद साझाकरण समझौते पर हस्ताक्षर करने की संभावना है. यह समझौता दोनों देशों को एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों और अन्य सहायता सुविधाओं तक सहज पहुंच बनाने में सक्षम करेगा.

यह औपचारिक समझौता अंतरसंचालनीयता की प्रक्रिया को सरल बनाएगा और विमान और युद्धपोतों जैसे सैन्य प्लेटफार्मों को समर्थन प्रदान करेगा.

इन दोनों देशों के बीच यह समझौता महत्वपूर्ण साबित होगा क्योंकि रूस भारत का एक प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता देश है, जिसके साथ संयुक्त अभ्यास भी हाल के वर्षों में बढ़ रहे हैं.

रक्षा रसद समझौते के बारे में

वर्तमान में रूस और भारत के बीच रक्षा रसद समझौते पर बातचीत की जा रही है और इस वर्ष के अंत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान अगले वार्षिक शिखर सम्मेलन में हस्ताक्षर किए जा सकते हैं.

रूस ने आपातकालीन खरीद धारा के तहत विभिन्न उपकरणों के लिए भारत से अनुरोध के बाद हथियारों की स्थिर आपूर्ति का आश्वासन दिया है. इसमें मिसाइल, ख़ास गोला बारूद और असॉल्ट राइफल शामिल हैं.

हस्ताक्षर होने के बाद इस समझौते के तहत, युद्धपोतों को ईंधन भरने और आपूर्ति की वस्तुएं उठाने के लिए दोनों देशों को एक-दूसरे के विशेष आर्थिक क्षेत्रों और पारस्परिक बंदरगाहों तक पहुंच मिलेगी. ये दोनों देश भारत-प्रशांत क्षेत्र में उभरती साझेदारी के एक हिस्से के तौर पर चेन्नई-व्लादिवोस्तोक शिपिंग मार्ग को फिर से शुरू करने की योजना भी बना रहे हैं. यह रक्षा रसद संधि में भी शामिल किया सकता है

इस समझौते से क्या उम्मीद की जा सकती है?

  • एक बार इस समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद, भारतीय नौसेना रूसी मूल के युद्धपोतों की ताकत का इस्तेमाल करने के द्वारा इस समझौते का उपयोग करके अपने युद्ध अभ्यास के लिए आसानी से पारगमन कर सकेगी. इसी तरह, इस प्रस्तावित समझौते के अनुसार लड़ाकू विमानों को भी प्रवेश मिलेगा.
  • हस्ताक्षर किए गए समझौते के अनुसार, एक निश्चित संख्या तक एक-दूसरे के देश में सैनिकों की तैनाती की व्यवस्था भी की जा सकती है.
  • इसके बदले में, रूसी ईंधन भरने के लिए विशाखापट्टनम और मुंबई जैसे बंदरगाहों का उपयोग करने में सक्षम होंगे और रूसी हवाई अड्डों और ठिकानों पर पहुंचने पर भारत भी ऐसा कर सकेगा.
  • इनमें आर्कटिक के रूसी भाग में उत्तरी मार्ग और बंदरगाहों तक पहुंच शामिल होगी.
  • भारत निकट भविष्य में अपना एक आर्कटिक स्टेशन भी बना सकता है जिसमें रूस एक भागीदार हो सकता है क्योंकि रूस ने भारत को विशाल आर्कटिक क्षेत्र में ऊर्जा संसाधनों तक पहुंच का आश्वासन दिया है.

भारत के अन्य देशों के साथ ऐसे समान समझौते

  • भारत का अपने सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार – संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ ऐसा ही समान साझाकरण समझौता है.
  • भारत ने 2018 में फ्रांस के साथ भी इसी तरह का एक समझौता किया है, जो संयुक्त अभ्यास के लिए एक और बड़ा सहयोगी है.
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया ने जून, 2020 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की आभासी बैठक में ऐसे ही समान समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
  • जापान के साथ इसी तरह के एक समझौते को अंतिम रूप देने के लिए सरकार अभी चर्चा कर रही है.

    आर्थिक करेंट अफेयर्स

    • सरकार ने 31 दिसंबर, 2020 तक आईटी और आईटीईएस उद्योग के लिए काम-से-घर छूट का विस्तार किया
    • एनपीसीआई ने आवर्ती भुगतान के लिए ‘UPI AutoPay’ सुविधा शुरू की
    • सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग को वोडाफोन आइडिया को 833 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश दिया
    • ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के COVID-19 वैक्सीन की 1 बिलियन खुराक का निर्माण पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा

    अंतर्राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स

    • रविशंकर प्रसाद ने आभासी जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया
    • यूएसआईबीसी के इंडिया आइडियाज समिट का आयोजन यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा किया गया
    • अमेरिका ने चीन को ह्यूस्टन में अपना वाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया
    • अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त करने के लिए चीन से आग्रह करने वाला कानून पारित किया
    • ब्रिटेन ने जनवरी 2021 से हांगकांग के पात्र निवासियों के लिए ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग खोला
    • ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने विमानन उत्सर्जन से निपटने के लिए जेट जीरो काउंसिल की शुरुआत की

    खेल-कूद करेंट अफेयर्स

    WADA ने भारत की राष्ट्रीय डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी (NDTL) के निलंबन को अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन न करने का हवाला देते हुए छह महीने के लिए और बढ़ा दिया है

    राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स

    • गुजरात में 700 मेगावाट के काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र -3 (केएएपी -3) ने ‘क्रिटिकैलिटी’ प्राप्त की; अब यह बिजली पैदा कर सकता है
    • ओडिशा में आयोजित एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ध्रुवास्त्र का परीक्षण; पहले इसे नाग मिसाइल (हेलिना) कहा जाता था
    • श्रमिकों को नौकरी खोजने में मदद करने के लिए अभिनेता सोनू सूद ने ‘प्रवासी रोज़गार’ एप्प लॉन्च किया

      गृह मंत्री अमित शाह ने शुरू किया वृक्षारोपण अभियान

      इस वृक्षारोपण अभियान के तहत, अमित शाह ने छह इको-पार्कों और पर्यटन स्थलों का शिलान्यास और उद्घाटन किया.

      केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 23 जुलाई, 2020 को ‘वृक्षारोपण अभियान’ शुरू किया है. इस अभियान के तहत, कॉलोनियों, खानों और कार्यालयों में पेड़ लगाए जाएंगे.

      यह आभासी कार्यक्रम स्थल 130 से अधिक स्थानों पर एक-साथ शुरू हुआ जो 10 कोयला और लिग्नाइट प्रभावित राज्यों के 38 स्थानों में फैले हुए हैं.

      एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री ने केंद्रीय कोयला और खान मंत्री, प्रहलाद जोशी की उपस्थिति में इस अभियान का शुभारंभ किया.

      वृक्षारोपण अभियान: मुख्य विशेषताएं

      • इस अभियान के तहत, अमित शाह ने छह इको पार्क और पर्यटन स्थलों का उद्घाटन और शिलान्यास किया.
      • इस अभियान का आयोजन कोयला मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है जिसमें सभी कोयला और लिग्नाइट PSU शामिल हैं. इसके तहत बड़े पैमाने पर सार्वजानिक क्षेत्र के उद्यमों (PSU) की कॉलोनियों, कार्यालयों और खानों के साथ-साथ कोयला और लिग्नाइट से जुड़े अन्य उपयुक्त क्षेत्रों में भी वृक्षारोपण किया जाएगा.
      • इस अभियान के तहत समाज द्वारा वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए आस-पास के क्षेत्रों में बीज वितरित किए जाएंगे.
      • गृह मंत्री द्वारा उद्घाटन किये गये इको-पार्क, आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए साहसिक क्रियाकलापों, जल क्रीड़ा, मनोरंजन, बर्ड वॉचिंग जैसी विभिन्न गतिविधियों का मार्ग प्रशस्त करेंगे. इसे पर्यटन क्षेत्र का हिस्सा बनाने के लिए भी सम्मिलित किया जा सकता है.
      • इस अभियान के तहत शामिल विभिन्न साइट्स (स्थलों) को आत्मनिर्भरता के लिए राजस्व उत्पन्न करने में सक्षम बनाने के साथ-साथ लोगों के लिए रोजगार की संभावनाएं तलाशने की योजना भी बनाई गई है.

      हरित पहल अपनाने के बारे में

      यह हरित पहल भारत में कोयला क्षेत्र का प्रमुख लक्ष्य है. इसमें खनन किए जा चुके क्षेत्रों और ओवरबर्डन डंपिंग क्षेत्रों का पारिस्थितिक पुनर्ग्रहण, उपयुक्त स्थानों पर सारे मार्ग पर वृक्षारोपण और खदानों के भीतर के क्षेत्रों और उनके आसपास के क्षेत्रों में वृक्षारोपण के माध्यम से अधिकतम क्षेत्र को हरित कवर में शामिल करना है.

      कोयला मंत्रालय द्वारा शुरू की गई इस हरित पहल से कोयले और लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ-साथ भारत में निजी खनिकों की सक्रिय भागीदारी में भी तेजी आएगी.

      वर्ष 2020 में, तीन कोयला और लिग्नाइट PSU – एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL), कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) ने कोयला क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्र में निर्माण के तहत विभिन्न चरागाह (70 हेक्टेयर), जैव-पुनर्ग्रहण और वृक्षारोपण (1626 हेक्टेयर), बांस वृक्षारोपण (3 हेक्टेयर) और उच्च तकनीक की खेती (90 हेक्टेयर) का निर्माण करने के माध्यम से 1,789 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने का लक्ष्य रखा है

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